Monday, July 6, 2009

धोरे बुझाएंगे तेल की प्यास-3

राजस्थान में 1600 करोड़ निवेश करेगी ओएनजीसी
मंगला-भाग्यम-ऐश्वर्या तेल क्षेत्र की संशोधित विकास योजना को मंजूरी
एक और अच्छी खबर है। देश के सबसे बड़े जमीनी तेल भण्डार 'मंगला' के विकास के लिए तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने आखिर शनिवार को 'मंगल सौगात' दे दी । तेल की रॉयल्टी को लेकर खासे नखरे दिखाने के बाद अब ओएनजीसी ने बाड़मेर के इस वृहद तेल क्षेत्र में साढ़े तीन सौ मिलियन डॉलर (करीब 1 हजार 647 करोड़ रुपए) के और निवेश की हांमी भरी है। ओएनजीसी के निदेशक मण्डल ने इसके साथ ही केयर्न इण्डिया की संशोधित विकास योजना पर भी मंजूरी की मुहर लगा दी है।
इस फैसले से सरकार और ओनएजीसी के बीच रॉयल्टी को लेकर चल रही खींचतान भी कम होने की उम्मीद है। इसके अलावा राजस्थान के तेल क्षेत्र से ओएनजीसी की भागीदारी लौटाने की कुछ समय से चल रही अटकलों पर भी विराम लग जाएगा। राज्य में तेल दोहन को अच्छी गति मिलेगी, सो अलग। आप तो जानते ही हैं कि मंगला क्षेत्र की संचालक कम्पनी केयर्न इण्डिया ने यहां से तेल दोहन की तकनीकी तैयारी पूरी कर ली है और कम्पनी किसी भी क्षण उत्पादन शुरू करने को तैयार है।
यह भी जानिए...
ओएनजीसी ने मंगला क्षेत्र के विकास के लिए 1।241 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 2.396 बिलियन डॉलर की योजना पर सहमति जताई है। ऐश्वर्या तेल क्षेत्र के लिए 275 मिलियन डॉलर की संशोधित योजना को मंजूरी दी गई है। ओएनजीसी इस योजना का 30 फीसदी का हिस्सा खर्च करेगा। वहीं, भाग्यम क्षेत्र एवं तेल पाइप लाइन के विकास खर्च में कोई बदलाव नहीं हुआ है। संशोधित विकास योजना के बाद अब एमबीए (मंगला-भाग्यम-ऐश्वर्या) तेल क्षेत्र में ओएनजीसी का कुल हिस्सा 874।2 मिलियन डॉलर से बढ़कर 1.22 बिलियन डॉलर हो जाएगा।
योजना को मिलेगी रफ़्तार
तेल पर रॉयल्टी चुकाने की जिम्मेदारी के मसले पर 'तिरछी' चल रही ओएनजीसी ने केयर्न इण्डिया का रिवाइज्ड डवलपमेंट प्लान अटका दिया था। अब सरकार की ओर से रॉयल्टी भरपाई का भरोसा मिलने के बाद इसे मंजूरी दी गई है। दरअसल, राजस्थान तेल क्षेत्र में ओएनजीसी की 30 फीसदी हिस्सेदारी है, लेकिन पुरानी नीति के मुताबिक उसे यहां से निकलने वाले तेल पर केयर्न के हिस्से की भी रॉयल्टी चुकानी होगी।
- गंगू तेली
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