थार के धोरों से निकल रहे कच्चे तेल की पहली खेप शोधन के लिए शुक्रवार को ओएनजीसी की मंगलौर रिफाइनरी पहुंच गई। 2 लाख 8 हजार बैरल (29 हजार टन) की यहपहली खेप बाड़मेर से टैंकर्स के जरिए गुजरात के काण्डला बंदरगाह तक पहुंचाई गई थी। यहीं पर क्रूड ऑयल को स्टोर किया गया। अब इसे शोधन के लिए पहुंचाया गया है। बाड़मेर में तेल दोहन की शुरूआत गत 29 अगस्त को हुई थी। इधर, मंगलौर रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) ने पहले ही दिन से राजस्थानी तेल के शोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रिफाइनरी तक जलमार्ग से यह तेल पहुंचाया गया है। कच्चे तेल के पहले मालवाहक जहाज का मंगलौर में ओएनजीसी, एमआरपीएल, केयर्न इण्डिया एवं स्थानीय प्रशासन ने स्वागत किया।
फिर से अव्वल
यह तीसरा मौका है जब एमआरपीएल को किसी जगह से उत्पादित तेल शोधन के लिए पहले पहल नामित किया गया हो। इससे पहले वर्ष 2003 में सुडान तथा वर्ष 2006 में रूस के तेल क्षेत्रों से निकले तेल की पहली खेप भी शोधन के लिए यहीं पहुंची थी।
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