Sunday, October 11, 2009

राजस्थान में रिफाइनरी की आस

रिफाइनरी का सपना देखने वालों के लिए एक और अच्छी ख़बर है। चार साल पहले राजस्थान में रिफाइनरी की आस जगाने वाली इंजीनियरिंग इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) अब नए सिरे से प्रदेश में रिफाइनरी की "प्रबल सम्भावना" का रास्ता तलाशेगी। इसके लिए ईआईएल को मौजूदा वैश्विक परिप्रेक्ष्य में जल्दी से जल्दी पुरानी स्टडी रिपोर्ट अपडेट करने के लिए कहा गया है। तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) के चेयरमैन आर.एस.शर्मा की मौजूदगी में हाल ही दिल्ली में हुई उच्चाधिकार समिति की बैठक में यह निर्णय किया गया है। पूर्व केन्द्रीय पेट्रोलियम सचिव एस.सी.त्रिपाठी की अध्यक्षता में राज्य सरकार की ओर से गठित उच्चाधिकार समिति ने इसके लिए ओएनजीसी, केयर्न व ईआईएल के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। खबरचियों के अनुसार बैठक में ईआईएल के प्रतिनिधियों ने कम्प्यूटर प्रस्तुतीकरण के जरिए अपनी 2005 की रिपोर्ट को नए परिप्रेक्ष्य में बताया। इस पर समिति ने कहा कि पेट्रोलियम सैक्टर के मौजूदा परिदृश्य, बाड़मेर में गैस-लिग्नाइट व अन्य सम्भावनाओं, पाइप लाइन की उपलब्धता, तेल विपणन की व्यवस्था तथा सरकारी रियायतों को ध्यान में रख कर ईआईएल पुरानी रिपोर्ट को अपडेट करे। इसके लिए ईआईएल को एक पखवाड़े का समय दिया गया। इस बैठक में समिति के अध्यक्ष एस।सी।त्रिपाठी (सेवानिवृत्त केन्द्रीय पेट्रोलियम सचिव)- अध्यक्ष, एम।बी।लाल (सेवानिवृत्त सीएमडी एचपीसीएल), एम।एस.रामचन्द्रन (पूर्व सीएमडी, आईओसी), मुकेश रोहतगी (सीएमडी, इंजीनियरिंग इण्डिया लिमिटेड), गोविन्द शर्मा (प्रमुख पेट्रोलियम सचिव, राजस्थान), आर.एस.शर्मा (चेयरमैन ओएनजीसी) व संदीप भण्डारी (केयर्न एनर्जी) शामिल थे।
बताया था फायदे का सौदा
वर्ष 2005 की रिपोर्ट में ईआईएल ने बाड़मेर में रिफाइनरी को नफे का सौदा (वायबल) माना था, लेकिन बाद में ओएनजीसी की ओर से एसबीआई कैप्स से करवाई गई स्टडी में इसे घाटे का सौदा बताया गया। ओएनजीसी चेयरमैन आर।एस.शर्मा ने मौका मुआयना करने के लिए अगले माह टीम को बाड़मेर भेजने को कहा है। इसके अलावा समिति शीघ्र ही हाइड्रोकार्बन महानिदेशक से मुलाकात करेगी।

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