हे भग्गू! इस दुनिया का क्या होगा? इस सवाल के साथ ही अपने राम ने सवेरे अखबार खोला तो पता चला जनाब कि राजस्थान सरकार ने केयर्न इंडिया को बाड़मेर के तेल कुओं से निकाले गए शुरुआती क्रूड ऑयल पर 2 प्रतिशत सीएसटी ऑनलाइन जमा कराने को लेकर नोटिस दिया है। राज्य सरकार ने कहा है कि क्रूड ऑयल पर जब वैट 4 प्रतिशत बनता है तो फिर 2 प्रतिशत सीएसटी का क्या मतलब है। राज्य सरकार ने केयर्न के इस कदम को चालाकी भरा मानते हुए कंपनी के अधिकारियों से इस बारे में सख्त नाराजगी भी जताई है।
खबरचियों के अनुसार केयर्न ने पहले 1.43 लाख रुपए वाणिज्य कर विभाग में जमा कराने की कोशिश की थी, लेकिन विभाग ने मना कर दिया। इसके बाद केयर्न इंडिया ने 25 सितंबर, 09 को 1.43 लाख रु. वाणिज्य कर विभाग में ऑन लाइन जमा करा दिए हैं। इसे लेकर राज्य और कंपनी के बीच विवाद बढ़ चुका है। राज्य सरकार का कहना है कि तेल का सेल पॉइंट यानी बिक्री केन्द्र राजस्थान में है, तो आधा टैक्स किस आधार पर जमा कराया गया है।
खबरचियों के अनुसार केयर्न ने पहले 1.43 लाख रुपए वाणिज्य कर विभाग में जमा कराने की कोशिश की थी, लेकिन विभाग ने मना कर दिया। इसके बाद केयर्न इंडिया ने 25 सितंबर, 09 को 1.43 लाख रु. वाणिज्य कर विभाग में ऑन लाइन जमा करा दिए हैं। इसे लेकर राज्य और कंपनी के बीच विवाद बढ़ चुका है। राज्य सरकार का कहना है कि तेल का सेल पॉइंट यानी बिक्री केन्द्र राजस्थान में है, तो आधा टैक्स किस आधार पर जमा कराया गया है।
300 करोड़ का नुकसान
बात यह है भाई साहब कि केयर्न के ऐसा करने से राजस्थान की सरकार को करीब 300 करोड़ रुपये का सालाना नुकसान होगा। मंगला क्षेत्र से निकलने वाले क्रूड ऑयल पर तीस साल की अवधि में 16000 करोड़ रुपये वैट के रूप में मिलने की संभावना है। इस प्रकार औसतन चार से पांच सौ करोड़ रुपए प्रति साल मिल सकते हैं। अगर दो प्रतिशत सीएसटी के हिसाब से ही टैक्स मिला तो राज्य को सीधा सीधा ढाई सौ से तीन सौ करोड़ रुपए हर साल की नुकसान होने की संभावना है। कंपनी के उच्चतम क्षमता (डेढ़ लाख बैरल प्रतिदिन) पर उत्पादन होने की दशा में राज्य को यह नुकसान और भी ज्यादा हो सकता है।
1 comment:
kanha kho gaye Ganguji????
Kai dino se koi post nahi...............
Time nahi mil raha ya kuchh likhne ko nahi hai??????????????
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